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AuthorBrij Mohan Sharma LanguageHindi Number Of Pages184
सकारात्मक ऊर्जा लिए, गुजरे लम्हों के अनुभवों को, कल्पनाओं को, अंतर्मन के भावों को शब्दो में पिरोकर पाठको के सम्मुख, कहानियो के संग्रह के रूप में प्...
View full detailsहेलो, मैं वेदांत। और मैं भी एक दोहरी जिंदगी जी रहा हूँ आप सब लोगो की ही तरह। जिंदगी की पहली परत जो हर तरह की जिम्मेदारियों को साथ लेकर आगे अपने रास...
View full detailsयह कहानी पाठक को इस विचित्र पात्र ‘बैडमैन’ के विचित्र अनुभवों से भरी पूरी जीवन कथा के विशाल सागर में गोते खिलवाएगी। इस कहानी में कई मद्दों को छेड़ा ...
View full detailsजब इस समाज में, दो बिल्कुल ही असमान्य उम्र के लोग - एक पैंतीस साल का आदमी और बारह साल की बच्ची पर पति-पत्नी होने की मुहर लगा दी जाती है, तो फिर दो ...
View full detailsप्रस्तुत कथानक में एक ऐसे ही धर्म गुरू की कल्पना की गई हैं जिनका धर्मगुरू बनना महज एक परिस्थितिवश संयोग होता है किन्तु वह धर्मगुरू अर्थात् मठ का मह...
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