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Rajyog (Hindi)

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SKU MP1481
ISBN 9789389225884

स्वामी विवेकानन्द का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। उनका जन्म 12 जनवरी, 1863 को कोलकाता के एक कुलीन एवं धार्मिक बंगाली परिवार में हुआ था। उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज से अपनी शिक्षा पूर्ण की। वे महान् संत ही नहीं, अपितु देशभक्त, वक्ता, विचारक एवं महान् लेखक भी थे। अंत में 04 जुलाई, 1902 को उन्होंने ध्यानावस्था में महासमाधि ले ली। योग भारतीय अध्यात्म एवं संस्कृति का एक अटूट हिस्सा है। स्वामी विवेकानन्द ने अपने भाषणों एवं लेखों के द्वारा, इस गूढ़ विषय से, आधुनिक भारतीय समाज को जोड़ा एवं विश्व को हिन्दू धर्म एवं भारत के प्राचीन धरोहर से अवगत कराया। इस पुस्त्क ‘राजयोग’ में स्वामी विवेकानन्द ने पतंजली के योग सूत्रों की व्याख्या कर समकालीन समाज को एक अमूल्य भेंट दिया है। इसमें उन्होंने भारत के ऋषियों के गूढ़ चिंतन को वैज्ञानिक एवं तार्किक दृष्टिकोण से भी परखा है।

Author
Swami Vivekanand

Age Group
15+ Years

Language
Hindi

Number Of Pages
224

Customer Reviews

Based on 1 review
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P
Praveen Kumar
Rajyog

Very nice book ,it's showing right path to people.Thank you Swami Vivekananda & Maple press