Chandrakanta (Hindi)
देवकीनंदन खत्री एक प्रमुख भारतीय लेखक थे जिन्होंने हिंदी साहित्य में कालातीत कालजयी योगदान दिया है। उनका जन्म 1861 में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के पूसा में हुआ था। उनके पिता लाला ईश्वरदास थे। देवकीनंदन खत्री की प्रारंभिक शिक्षा उर्दू और फारसी भाषा में हुई थी। बाद में उन्होंने हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत का अध्ययन किया। उन्होंने अपना पहला उपन्यास, चंद्रकांता, छब्बीस साल की उम्र में लिखा था। उनकी कुछ अन्य लोकप्रिय रचनाओं में भूतनाथ, काजर की कोठरी और बीरेंद्र वीर शामिल हैं। देवकीनंदन खत्री ने मूल रूप से धारावाहिक प्रकाशन के लिए अपना उपन्यास चंद्रकांता लिखा था। जब इसे एक किताब में एकत्र किया गया, तो यह आधुनिक हिंदी गद्य का अब तक का सबसे लंबा गद्य बन गया। विजयगढ़ राज्य की राजकुमारी चंद्रकांता विवाह योग्य उम्र की है, लेकिन क्या वह अपने प्रेमी, पड़ोसी नौगढ़ के वीरेंद्र सिंह से शादी करेंगी, या वह प्रधन मंत्री के बेटे कृर सिंह से शादी करने के लिए मजबूर होगी?
Author
Devaki Nandan Khatri
Age Group
15+ Years
Language
Hindi
Number Of Pages
272