Hind Swaraj (Hindi)
बापू के नाम से लोकप्रिय मोहन दास करमचंद गाँधी भारत के स्वतंत्राता संग्राम के नायक थे। बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भिक दशक में, भारत की स्थिति और संघर्ष के विषय में, गाँधी जी ने अपने विचारों को ‘हिन्द स्वराज’ नामक पुस्तक में अभिव्यक्त किया था। यह पुस्तक गाँधी जी और उनके नजदीकी मित्र प्राणजीवन मेहता के मध्य हुए वार्तालाप पर आधारित है। पुस्तक में लिपिबद्ध उनके विचारों के आदान-प्रदान के विषय मुख्यतः समकालीन सभ्यता, भारत और इंग्लैंड की स्थिति, सत्याग्रह और शिक्षा थे। अंग्रेजी शासन और पाश्चात्य सभ्यता की दासता से मुक्त होकर भारत स्वतंत्रता अवश्य प्राप्त करेगा ऐसा आत्मविश्वास जागृत करने तथा भारतीयों का मनोबल बढ़ाने में 1909 में प्रकाशित ‘हिन्द स्वराज’ ने अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
Author
Mahatma Gandhi
Age Group
15+ Years
Language
Hindi
Number Of Pages
88